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Whispers From My Heart

Sunday, February 6, 2011

अकेला




अकेला रह गया हु,
इस भीड़-भाड़ मे ...
न कोई था, न कोई है,
मेरे पास मे...


आये थे कई हमराही,
मेरे पास मे ....
जागी थी उमीदें,
किसी आस मे ....
छोड़ वो आये,
हमे किसी राह मे ....
उजाले धुंडते है,
अब इस राख मे .....


अकेला रह गया हु,
इस भीड़-भाड़ मे ...
न कोई था, न कोई है,
मेरे पास मे...

2 comments:

Anonymous said...

atee uttam.

Anonymous said...

wow! beautiful!!